Beautiful Dhanteras Poem in Hindi | धनतेरस पर कविता 2022

Dhanteras Poem: दोस्तों आप सभी लोगो को धनतेरस की बहुत बहुत शुभकामनाएं. यहाँ हम आप सभी के लिए धनतेरस 2022 कविता “Dhanteras Poem in Hindi” का एक लाजवाब संग्रह लेकर आएं है, जिसे आप अपने मित्रों और परिजनों के साथ सभी social media platforms पर share कर सकते हैं. आशा है आप सभी को ये संग्रह बहुत पसंद आएगा.

Dhanteras Poem in Hindi

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धनतेरस के पर्व पर, सजे हुए बाज़ार।
घर में लाओ आज कुछ, नये-नये उपहार।।

झालर-दीपों से सजे, आज सभी के गेह।
मन के नभ से आज तो, बरसे मधुरिम नेह।।

रहे हमेशा देश में, उत्सव का माहौल।
मिष्ठानों का स्वाद ले, बोलो मीठे बोल।।

सरस्वती के साथ हों, लक्ष्मी और गणेश।
तब आएगी सम्पदा, सुधरेगा परिवेश।।

उल्लू बन जाना नहीं, पाकर द्रव्य अपार।
धन के साथ मिले सदा, मेधा का उपहार।।

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धन से ही तो रस हैं सारे
धन ही सुख-दुख के सहारे
धन ही मंदिर,धन ही पूजा
न ऐसा कोई पर्व दूजा
धन ने किये हैं रौशन बाजार
बिन धन यहाँ न कोई मनुहार
सब चाहें चखना इस रस का स्वाद
बिन धन जीवन है बकवास
धन ही पहचान,यही अभिमान
सिवा इस रस के न कोई गुणगान
गज़ब है चाह न दिल कभी भरता
पीने को ये रस हर कोई मचलता
उमर बीत जाए न होगा कभी बस!
जितना मिले ले लें धन ते रस…

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प्रभु धन दे निर्धन मत करना.
माटी को कंचन मत करना…..

निर्बल के बल रहो राम जी,
निर्धन के धन रहो राम जी.
मात्र न तन, मन रहो राम जी-
धूल न, चंदन रहो राम जी..

शुद्ध करो निज मन मंदिर को
क्रोध-अनल लालच-विष छोडो
परहित पर हो अर्पित जीवन
स्वार्थ मोह बंधन सब तोड़ो
जो आँखों पर पड़ा हुआ है
पहले वो अज्ञान उठाओ
पहले स्नेह लुटाओ सब पर
फिर खुशियों के दीप जलाओ

जहाँ रौशनी दे न दिखाई
उस पर भी सोचो पल दो पल
वहाँ किसी की आँखों में भी
है आशाओं का शीतल जल
जो जीवन पथ में भटके हैं
उनकी नई राह दिखलाओ
पहले स्नेह लुटाओ सब पर
फिर खुशियों के दीप जलाओ

नवल ज्योति से नव प्रकाश हो
नई सोच हो नई कल्पना
चहुँ दिशी यश, वैभव, सुख बरसे
पूरा हो जाए हर सपना
जिसमे सभी संग दिखते हों
कुछ ऐसे तस्वीर बनाओ
पहले स्नेह लुटाओ सब पर
फिर खुशियों के दीप जलाओ





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Dhanteras 2022 Date धनतेरस कब है?

हिन्दू पंचांग के अनुसार देखा जाए तो कार्तिक मास की कृष्णा पक्ष की त्रयोदशी 22 अक्टूबर 2022 दिन शनिवार संध्या 6 बजकर 02 मिनट से आरम्भ होकर 23 अक्टूबर दिन रविवार की शाम 05 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. इसलिए शास्त्रानुसार 2022 में धनतेरस का पर्व 23 अक्टूबर को मनाया जायेगा.

धनतेरस का महत्त्व क्या है?

हिंदू धर्म में दिवाली का त्यौहार बहुत महत्वपूर्ण होता है है. इस पर्व का आरम्भ की शुरुआत कार्तिक मास की त्रयोदशी यानी धनतेरस के दिन से होती है. धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी जी और कुबेर की पूजा की जाती है. इस विशेष दिन सोना -चांदी या कोई घरेलू प्रयोग की वस्तुएं खरीदना बहुत शुभ माना जाता है, और ऐसी मान्यता बनी हुई है कि इस दिन भूमि या मकान और वाहन आदि नई चीज़ों के खरीदने से घर में सुख-समृद्धि और धन सम्पदा आती है, इस लिए हर व्यक्ति इस दिन कुछ न कुछ खरीदने बाजार जरूर जाता है,जिसकी वजह से धनतेरस के दिन बाज़ारों में भीड़ और रौनक बहुत ज्यादा होती है.

क्यों मनाया जाता है धनतेरस?

हिन्दू पुराण और शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में कलश लिए हुए प्रकट हुए थे, और भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का ही आंशिक अवतार माना जाता है. और उनके प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इसी कारण यह पर्व धन सम्पदा और सेहत से भी जुड़ा हुआ है.


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